निबंधः 21वीं सदी का भारत (Essay in Hindi: India in 21st Century)

                वर्तमान में हम 21वीं सदी में जी रहे हैं। जिस प्रकार 19वीं सदी को ब्रिटेन  का समय कहा जाता था और बीसवीं सदी को अमेरिका की सदी कहा गया, उसी प्रकार 21वीं सदी भारत की है। IBM (Institute for business value) की रिपोट ‘इन्डियन सेंचुरी’ के अनुसार भारत एक तेजी से बदलने वाली अर्थव्यवस्था है। आने वाले वर्षों में भारत को तेजी से विकास करने वाले देशों में शामिल किया गया है।

Digital India
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21वीं सदी के भारत पर निबंध-

            स्वतंत्रता के बाद से ही हमारे देश ने विभिन्न क्षेत्रों में उन्नति की है, जैसे कि वैज्ञानिक आविष्कार, सामाजिक अर्थव्यवस्था में प्रगति, शिक्षा के क्षेत्र में विकास, सांस्कृतिक रूप में समृद्धि, खेती के उन्नत तरीके, तकनीकी और विज्ञान का समुचित विकास, चिकित्सा के क्षेत्र में अनुसंधान आदि कई क्षेत्र हैं जिनमें अब हम आगे बढ़ चुके हैं।


Digital India (डिजिटल भारत)-

            इक्कीसवीं सदी को भारत की सदी कहा गया है, नरेन्द्र मोदी की सरकार आने के बाद भारत में Digital क्रांति का भी संचार बहुत तेजी से हुआ है। जिस तरह ई-कॉमर्स (E-Commerce) ने भारत में जगह बनाई है उसे देखकर लगता है कि आने वाले समय में इसका और तेजी से विस्तार होगा। 

            आज हम अनेक सरकारी सुविधाओं के लिए घर बैठे ऑनलाइन (Online) आवेदन कर सकते हैं यहाँ तक की यह सेवा बैंकिंग (Banking) क्षेत्र में भी बहुत बढ़ गई है और बहुत सारे डिजिटल बैंक्स (Digital Banks) भी भारतीयों के लिए उपलब्ध हैं। भारत को डिजिटल (Digital) योगदान मिलने के बाद यहाँ अनेक तरह के बदलाव आने भी शुरू हुए हैं। सब देखते हुए हम यह कह सकते हैं की आने वाला समय भारत (India) का ही होगा।


21वीं सदी का भारत विभिन्न क्षेत्रो में (India in 21st Century in Hindi)-

आर्थिक क्षेत्र में-

            आज भारत आर्थिक रूप से पहले की अपेक्षा कहीं अधिक सक्षम और समर्थ है। हॉवर्ड यूनिवर्सिटी के अर्थशास्त्रियों के अनुसार भारत की विकास दर जो है वह इसे सबसे तेज गति से विकास करने वाला देश बनाती है। यही वजह है कि भारत वर्ष 2024 तक चाइना से भी आगे चला जाएगा। अगर आज की बात की जाय तो भारत का स्थान दूसरा है। मतलब कि अर्थव्यवस्था के मामले में चाइना के बाद हम विश्व (World) की सबसे बड़ी आर्थिक शक्ति हैं।

            देश की मोदी सरकार और वित्तीय मंत्री मण्डल ने अभी हाल ही में विदेशी प्रत्यक्ष निवेश [FDI Policyको पूर्ण रूप से अपनी मंजूरी प्रदान की है। जिससे अब बाहरी कम्पनियाँ भारत में बड़े पैमाने पर निवेश करेंगी। जिसका सीधा लाभ देश की अर्थव्यवस्था को होगा।


चिकित्सा विज्ञान के क्षेत्र में-

            प्राचीन-काल से ही हम चिकित्सा (Treatment)  के क्षेत्र में आगे रहे हैं। परन्तु उपकरणों के अभाव में हम पिछड़ गये थे, लेकिन आज की स्थिति कुछ और है। हमारे देश में लगभग सभी बीमारियों का इलाज उपलब्ध है। साथ ही उनकी जांच के लिए भी सभी तरह की मशीनों की व्यवस्था भी उपलब्ध कराई गयी है।

            स्वतंत्रता के बाद प्रारंभ की गयी प्रथम पंचवर्षीय योजना की तुलना में आज चिकित्सकों की संख्या 2 गुनी और अस्पतालों में बेडों (Beds) की संख्या बढ़कर लगभग 6 गुनी हो चुकी है। मलेरिया, T.B., हैजा जैसी बीमारियों से लोग पहले की अपेक्षा में कम पीड़ित होते हैं। वहीं जानलेवा बीमारियों, जैसे – प्लेग,  Small Pox आदि से होने वाली “मृत्यु-दर” में भी काफी कमी आई है। देश में पोलियो (Polio) जैसी बीमारी को लगभग हम पूर्णतः ख़त्म कर चुके हैं। देश में औसत आयु बढ़ी है और बिमारियों से होने वाली Death Rate में भी काफी कमी आई है।

            नेशनल हेल्थ पालिसी (National Health Policy) के अनुसार हम सभी के लिए स्वास्थ्य के लक्ष्य को भी जल्दी ही प्राप्त कर लेंगे। चिकित्सा विज्ञान (Medical Science) में उन्नति करने के साथ ही हम बीमारियों के प्रति जानकारी फ़ैलाने और उससे बचाव के प्रति जागरूकता उत्पन्न करने में भी सफल रहे हैं।


Technology के क्षेत्र में-

            तकनीकी (Technology) के मामले में भी अब हम पहले की अपेक्षा में कही आगे बढ़ चुके हैं। मशीनें, यंत्रों आदि का अब हमें ज्यादा आयात नहीं करना पड़ता, बल्कि हम स्वयं ही उसका उत्पादन कर रहे हैं और विश्व के अनेक देशों में निर्यात भी करने लगे हैं। बड़े-बड़े कारखानों में उत्पादन, मशीनों की सहायता से माल बनाना, Computer से कार्य करना आदि ने इस प्रक्रिया को अधिक सरल बना दिया हैं।


Computerization

            आज हमारे देश में प्रत्येक विभाग में कम्प्यूटर (Computer) पर कार्य किया जाता है, किसी भी जानकारी को आप इंटरनेट (Internet) के माध्यम से आदान-प्रदान कर सकते हैं। साथ ही सभी विभागों की जरुरी सूचनायें भी ऑफिसियल वेबसाइट पर उपलब्ध रहती हैं। इसके अंतर्गत ‘ई-कॉमर्स’ भी शामिल है। जिसके द्वारा हम घर बैठे-बैठे अपना सामान इंटरनेट (Internet) के माध्यम से खरीद और बेच (Buy and Sell) सकते हैं। ये ई-कॉमर्स कम्पनियाँ (e-commerce companies) स्थानीय बाजारों से प्रतियोगिता करती हैं, पर वही दूसरी ओर ये कई लोगों को रोजगार भी उपलब्ध करा रही हैं।


ऑटो-मोबाइल के क्षेत्र में-

            इस क्षेत्र में हम अब तक वांछित उन्नति नहीं कर पाए हैं, जैसे- हमारा देश आज भी कारों के निर्माण के लिए विदेशी तकनीक पर ही निर्भर है। हम केवल इसके कुछ ही भाग बनाते हैं। परन्तु प्रयास जारी है और जल्द ही हम इस क्षेत्र में भी सफलता प्राप्त कर लेंगे।


कृषि उत्पादन के क्षेत्र में-

            आज हमारे देश में कृषि से सम्बंधित समस्याओं जैसे- बाढ़, सूखे आदि से निपटने के लिए पर्याप्त साधन और तकनीक (Technology) उपलब्ध हैं। जिसके चलते भारत देश का उत्पादन कई गुना बढ़ गया है। आज हम अपने देश की खाद्य पदार्थों की जरूरतों को तो पूरा कर ही रहे हैं बल्कि दूसरे देशों को निर्यात करने में भी सक्षम हैं।

            इस स्थिति को पाने में देश में चलाई गयी “हरित क्रांति” का बहुत बड़ा योगदान रहा है। फसलों के ख़राब होने, सड़ने जैसी समस्याओं पर हमने लगभग नियंत्रण भी पा लिया है और दूसरी ओर उन्नत बीजों, सिचाईं, खाद आदि के पर्याप्त और उन्नत तरीके, संग्रहण क्षमता आदि ने इसके विकास में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।


रक्षा उपकरणों के क्षेत्र में-

            हमारे देश में 3 प्रकार की फौजें हैं। थल सेना, जल सेना और वायु सेना। हमारा स्थान विश्व की प्रथम 7 शक्तियों में है। साथ ही तीनों ही सेनाओं के रक्षा उपकरण (Defense Equipment) भी हमारे पास पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं। हाल ही में सबसे कम वजन का लड़ाकू विमान बनाने में भी हमने सफलता प्राप्त की है। इस विमान का नाम है ‘तेजस’। इसके लगभग सभी पार्ट-पुर्जे, मशीने, आदि भारत में ही बनाई गई हैं। यह हमारी रक्षा के क्षेत्र में अब तक की सबसे बड़ी उपलब्धि है।

            निजी क्षेत्रों को रक्षा क्षेत्र में सम्मिलित करने से इसके तीव्र गति से विकास की सम्भावनायें व्यक्त की जा रही हैं। इसमें अम्बानी समूह और टाटा जैसी कंपनियों को शामिल किया गया है। परन्तु अभी इनके प्रोजेक्ट (Project) सरकार के पास अनुमति हेतु अटके हुए हैं।


शिक्षा के क्षेत्र में-

            हमारे देश में शिक्षा (Education) के स्तर में भी पहले से काफी सुधार हुआ है। परन्तु अभी तक हम केवल प्राथमिक शिक्षा को ही मुफ्त उपलब्ध करा पाए हैं, जो काफी नहीं है। आज हमारे देश के विद्यार्थी अपने ही देश में सभी तरह के उच्च शिक्षा प्राप्त कर सकते हैं। यहाँ पर्याप्त मात्रा में विद्यालय, महाविद्यालय आदि खोले गये हैं। मोदी सरकार आने के बाद इसमें और ही तेजी के साथ विकास हुआ है। भारत में अब बाहर के विद्यार्थी भी आकर शिक्षा ग्रहण करते हैं।

            हमारे देश में सर्व शिक्षा अभियान, प्रौढ़ शिक्षा अभियान जैसे कार्यक्रम चलाकर देश में शैक्षिक स्तर को सुधारने के लिए सराहनीय कदम उठाए गये हैं। देश के सम्पूर्ण विकास के लिए लड़कों के साथ-साथ लड़कियों की शिक्षा के लिए भी समुचित प्रयास निरन्तर जारी है। बल्कि आज देश में कल्पना चावला (प्रथम भारतीय महिला अंतरिक्ष यात्री), प्रतिभा देवी सिंह पाटिल (प्रथम महिला राष्ट्रपति), इंदिरा गाँधी (प्रथम महिला प्रधानमंत्री), चंदा कोचर (ICICI बैंक की वर्तमान CEO) आदि जैसी महिलायें तो पुरुषों से  भी आगे निकल चुकी हैं।

            21वीं सदी का भारत जहाँ इन क्षेत्रों में उन्नति प्राप्त कर रहा है वहीं कुछ क्षेत्र ऐसे हैं जिनकी तरक्की अभी भी बाकी है। जिनकी परिस्थितियों में सुधार की आवश्यकता शेष है, उनमे से कुछ क्षेत्र अग्र-लिखित हैं-

बेरोजगारी-

            आज हमारे देश को युवा-शक्ति के मामले में विश्व का सबसे समृद्ध राष्ट्र माना जाता है। परन्तु रोजगार के अभाव में यह शक्ति बेकार जा रही है। इसी कारण हमारे देश की कई प्रतिभायें विदेशों में स्वयं को साबित करके रोजगार प्राप्त कर रही हैं, जिसमे देश का ही नुकसान है। बेरोजगारी के कारण देश के युवा दिशाहीन होकर अपराध के मार्ग पर बढ़ रहे हैं। हमारे देश में रोजगार के अनेक अवसरों की आवश्यकता है। यदि हम बेरोजगारी की समस्या से छुटकारा पा ले तो बहुत सारी समस्याएं स्वतः ही समाप्त हो जाएगी।


गरीबी-

            दुर्भाग्य की बात यह हैं कि हमारे देश में अमीर और अमीर तथा गरीब और गरीब होता जा रहा है। इसी कारण देश पूर्ण रूप से विकसित नहीं हो पा रहा है, भारत अभी भी विकासशील देशों में गिना जाता है। इसका कारण कहीं न कहीं स्विस बैंकों में रखा काला धन भी है। यदि कालाधन देश में लाये जाने के प्रयास सफल हो जाय तो यह समस्या काफी हद तक हल हो सकती  हैं।


जनसंख्या-

            हमारे देश की जनसंख्या बहुत ही तेज गति से बढ़ रही हैं, जिसके कारण देश में जो भी योजनायें चलती हैं उनका पूरा लाभ नहीं मिल पाता और सरकार भी इन्हें व्यापक रूप में सफल नहीं बना पाती। भारत की आबादी आज 130 करोड़ से भी अधिक है। जिसमें सभी सुविधाओं को सुगमता से चलाना सरकार के लिए भी सम्भव नहीं है। जनसंख्या पर नियंत्रण पाना अति आवश्यक है अन्यथा हमारी समस्याओं की सीमा दिन-प्रतिदिन बढ़ती जाएगी।

            इन सब के बावजूद हमे ‘सुपर पावर’ (Super Power) कहा जाता है। इसका कारण यह है कि आज दक्षिण एशिया में भारत की स्थिति सभी क्षेत्रों में अन्य देशों की तुलना में सबसे बेहतर और मजबूत है। चाहे राजनीतिक क्षेत्र हो, आर्थिक क्षेत्र हो, सैन्य बल की बात हो, सांस्कृतिक क्षेत्र की बात हो अथवा जन-सांख्यिकी [Demographic] की।

            दक्षिण एशिया की जनसंख्या का लगभग 77% हिस्सा हमारे देश का है। इसकी जी0डी0पी0 (GDP) में हमारा योगदान 75% है। 77% भू-भाग हमारे क्षेत्रफल का हिस्सा है, इसके रक्षा बजट का 80% हिस्सा हमारा होता है और इसके सैन्य बल में 82% हमारा सैन्य बल शामिल है और सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि हम विश्व की सबसे बड़ी लोकतांत्रिक अर्थव्यवस्था में से एक हैं। जिसकी वर्तमान जी0डी0पी0 दर 9.2% है, जो वैश्विक अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण स्थान रखती है। साथ ही हमारे देश की अन्य बड़ी अर्थव्यवस्था वाले राष्ट्रों के साथ समझौते और संधियाँ भी हैं, जो इसे इक्कीसवीं सदी का सुपर पावर बनाने में और विकास (Development) की ओर अग्रसर होने में मदद करती हैं।

इस प्रकार इक्कीसवीं सदी के भारत का भविष्य बहुत ही स्वर्णिम हैं

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