पितृ दिवस पर लेख/निबन्ध | Father’s day essay in Hindi

पितृ दिवस पर लेख/निबन्ध

       पितृ दिवस (Father’s Day
2021)
 वैसे तो पिता को प्यारसम्मान देने के लिए किसी खास मौके या पर्व की जरुरत नहीं होती परन्तु पिता को विशेष सम्मान देने के लिए एक विशेष दिन निर्धारित करके उसे पर्व के रुप में मनाया जाता है।

जैसे माँ को प्यार या सम्मान देने के लिए मातृ दिवस मनाया जाता है वैसे ही पिता के सम्मान में पितृ दिवस या फादर्स डे मनाया जाता है।

पितृ दिवस (Father’s Day) विशेष रुप से पिता को सम्मान देने के लिए पूरे विश्व में व्यापक रूप से मनाया जाता है। दुनिया के अधिकतर देशों में पितृ दिवस को जून के तीसरे रविवार को मनाया जाता है परन्तु कुछेक देशों में यह अलगअलग तिथियों को मनाया जाता है, जैसे

रुस – 23 फरवरी

रोमानिया
– 05
मई

कोरिया – 08 मई

डेनमार्क
– 05
जून

ऑस्ट्रिया
और बेल्जियम जून के दूसरे रविवार

ऑस्ट्रेलिया
न्यूजीलैंड सितम्बर के पहले रविवार और भारत सहित विश्व के 52 देशों में इसे जून के तीसरे रविवार
को मनाया जाता है।

सभी देशों में इस दिन को मनाने का अपना अलगअलग तरीका है। दुनिया के लगभग सभी देशों की संस्कृति में मातापिता का स्थान सबसे ऊंचा माना गया है। भारत में तो मातापिता को ईश्वर का रूप माना गया है।

पिता के बिना जीवन का कल्पना भी नहीं की जा सकती। पिता का रिश्ता ऐसा पवित्र रिश्ता जिसकी तुलना किसी और रिश्ते से नहीं की जा सकती। पिता ही होता है जो बचपन में उंगली पकड़कर चलना सीखाता है।


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बच्चे को वो हर छोटीबड़ी सामाजिक एवं व्यवहारिक सीख देता है जो हमारे जीवन में बेहद उपयोगी होता है। अक्सर बच्चे बोलना/चलना शुरु करने के साथ ही जिद करना भी शुरू कर देते हैं लेकिन पिता हरसम्भव कोशिश करता है की बच्चों की हर जिद हर इच्छा को पूरा करें। 





बचपन से लेकर युवावस्था तक पिता बच्चे की हर जिद हर सपने को पूरा करने के लिए अपने सपनों को भूल जाता है, अपने हर ख्वाहिशों की बलि चढ़ा देता है परन्तु उसी पिता को प्यार, मानसम्मान देने के लिए आज हमें किसी विशेष दिन की जरुरत क्यूं पड़ी?

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आज के इस आधुनिक यूग में अधिकांश लोग पितृ दिवस के दिन ही पिता को प्यार दिखाने की कोशिश करते हैं, ऐसा क्यूं? क्या पिता को प्यार, सम्मान देने के लिए किसी खास दिन की जरुरत है? क्या पिता हमें बचपन में किसी खास दिन ही प्यार, दुलार करते थे? इस बात पर हम सबको गम्भीरता से विचार करने की जरुरत है।

Father’s day essay in Hindi

पितृ दिवस का इतिहास पितृ दिवस की शुरुआत बीसवीं सदी के प्रारंभ में पिता को सम्मान देने के लिए हुई। यह पूर्वजों की स्मृति में भी मनाया जाता है। पितृ दिवस का शुरुआत पश्चिमी वर्जीनिया के फेयरमोन्ट में 20वीं सदी के प्रारम्भ में हुआ।

कुछ जानकारों के मुताबिक पश्चिमी वर्जीनिया के एक चर्च से 1908 (05 जुलाई) को फादर्स डे मनाना प्रारम्भ किया गया था।


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धन्यवाद




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