Hemant Soren Biography In Hindi, हेमंत सोरेन का जीवन परिचय

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हेमंत सोरेन एक वरिष्ठ भारतीय राजनेता और झारखंड के वर्तमान मुख्यमंत्री हैं। हेमंत सोरेन का जन्म 10 अगस्त 1975 को नेमरा, बिहार (अब के झारखंड) में हुआ था। वह झारखण्ड के एक प्रमुख राजनीतिक परिवार से ताल्लुक रखते हैं। उनके पिता शिबू सोरेन तीन बार झारखण्ड के मुख्यमंत्री रह चुके हैं।

शिबू सोरेन झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के संस्थापक हैं। वह एक अनुभवी राजनीतिज्ञ है और वर्तमान में राज्यसभा के सांसद हैं। झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) एक क्षेत्रीय राजनीतिक दल है। हेमंत सोरेन अपने पिता शिबू सोरेन के नक्शेकदम पर चलते हुए झारखंड की राजनीति में एक नयी पहचान बनायी और झारखंड की राजनीति में एक प्रमुख नेता के रूप में उभरे हैं।

प्रारंभिक जीवन और शिक्षा

हेमंत सोरेन का जन्म 10 अगस्त 1975 को नेमरा, बिहार (अब झारखंड) में हुआ था। हेमन्त सोरेन का पालन-पोषण राजनीतिक परिवार में हुआ। उनका बचपन राजनीतिक गतिविधियों में बीता और झारखंड राज्य के निर्माण के लिए हुए संघर्ष से वो अच्छे से परिचित हैं। हेमन्त सोरेन की प्रारम्भिक शिक्षा और उच्च शिक्षा झारखंड के दुमका से ही हुई है। हेमन्त सोरेन वाणिज्य से स्नातक हैं।

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झारखंड आंदोलन से प्रेरित होकर हेमंत सोरेन बहुत ही कम उम्र में ही सक्रिय राजनीति में शामिल हो गये। उनके पिता शिबू सोरेन ने झारखंड राज्य के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। नए राज्य का गठन में राजनीतिक परिदृश्य से शिबू सोरेन के लिए राजनीति में अपनी पैठ बनाने के लिए एक सुनहरा अवसर था। नये राज्य के गठन ने शिबू सोरेन को सक्रिय रूप से राजनीति में शामिल होने के लिए प्रेरणा प्रदान किया।

राजनीतिक यात्रा

हेमंत सोरेन की राजनीतिक यात्रा उनके पिता शिबू सोरेन द्वारा स्थापित पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) से ही शुरू हुई है। वर्ष 2009 में बड़े भाई दुर्गा सोरेन के असमय मौत के बाद अचानक हेमंत सोरेन नेता बन कर उभरे थे। झारखंड के लोगों के समस्याओं की गहरी समझ रखने वाले हेमंत सोरेन बहुुत तेजी से अन्य नेताओं को पीछे छोड़ते हुए आगे बढ़ते चले गये।

इन वर्षों में हेमंत सोरेन ने जमीनी स्तर की राजनीति का अच्छे से जाना और समझा। इस दौरान मिले अनुभवों के दम पर ही पार्टी द्वारा सौंपे गये विभिन्न पदों का बखूबी निर्वहन किया।

हेमंत सोरेन ने 24 जून 2009 से 04 जनवरी 2010 तक राज्यसभा के सदस्य के रूप में कार्य किया। सोरेन ने 23 दिसंबर 2009 को पहली बार विधान सभा (MLA) के सदस्य के रूप में अपने राजनीतिक कैरियर की शुरुआत किया था। सोरेन ने 11 सितंबर 2010 से 08 जनवरी 2013 तक बीजेपी-झामुमो गठबन्धन में झारखंड के उप मुख्यमंत्री (Deputy Chief Minister) के रूप में कार्य किया।

आदिवासी समुदाय झारखंड की आबादी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। आदिवासी समाज के हितों और उनके कल्याण के प्रति उनकी प्रतिबद्धता उनके राजनीतिक एजेंडे की मुख्य केंद्र बिंदु बन गई। हेमंत सोरेन ने आदिवासी समुदाय के भूमि अधिकार, वन अधिकार और सामाजिक न्याय से संबंधित मुद्दों को गम्भीरता से लिया और जहां जरूरत पड़ी उसकी वकालत की।

हालांकि इनको राजनीति विरासत में मिली थी। इनका लगभग पूरा परिवार सक्रिय राजनीति में शामिल है। झारखंड मुक्ति मोर्चा के प्रमुख पद इनके परिवार के लोगों के पास ही है। इनकी पार्टी परिवाद की राजनीति करती है।

मुख्यमंत्री के रूप में

हेमंत सोरेन वर्तमान में झारखंड के मुख्यमंत्री (दूसरी बार) हैं। इससे पहले वो जुलाई 2013 में झारखंड के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली और मुख्यमंत्री पद का निर्वहन किया। हालांकि, पहली बार उनकी सरकार अपेक्षाकृत कम समय तक चली थी क्योंकि सहयोगी दल ने समर्थन वापस ले लिया, जिससे सरकार गिर गई। इस झटके के बाद भी सोरेन झारखंड की राजनीति में एक प्रमुख चेहरा बने रहे।

सरकार गिरने के बाद के वर्षों में हेमंत सोरेन अपनी राजनीतिक पृष्ठभूमि मजबूत करते रहे। मुख्यमंत्री के रूप में हेमंत सोरेन का दूसरा कार्यकाल 29 दिसंबर, 2019 को शुरू हुआ था जब झारखंड मुक्ति मोर्चा ने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल के साथ गठबंधन किया। तीनों पार्टीयों के गठबंधन ने विधानसभा के चुनाव में बहुमत हासिल कर लिया, जिसके बाद सोरेन की मुख्यमंत्री पद की वापसी का रास्ता साफ हो गया था।

शासन और नीतिगत पहल

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राज्य के लोगों को प्रभावित करने वाले हर एक मुद्दों के समाधान पर ध्यान दिया और उन समस्याओं को लेकर मजबूती से खड़े रहे। उनके कार्यकाल में ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा, स्वास्थ्य और मुख्य बुनियादी ढांचे पर जोर देने के साथ वहां के लोगों के विकास को प्राथमिकता दी। हेमंत सोरेन ने हाशिए पर रहने वाले समुदायों को लुभाने वाली लोक कल्याणकारी योजनाओं के क्रिन्यान्वयन की दिशा में भी काफी काम किया।

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सोरेन सरकार ने विकास के अंतर को पाटने के लिए आदिवासी समाज की सामाजिक-आर्थिक स्थितियों में सुधार के लिए खासी पहल की। आदिवासी समाज के भूमि अधिकार, नये रोजगार और बच्चों के शिक्षा से संबंधित योजनाओं पर भी विशेष ध्यान दिया।

चुनौतियाँ और आलोचनाएँ

हेमंत सोरेन को अपने कार्यकाल के दौरान काफी चुनौतियों और आलोचनाओं का भी सामना करना पड़ा। किसी भी राजनीतिक नेता की तरह ये भी आलोचनाओं और विवादों में घिरे रहे। आलोचना काफी हद तक सही भी है क्योंकि झारखंड राज्य गरीबी, बेरोजगारी और बुनियादी ढांचे की कमी जैसे विभिन्न मुद्दों से जूझ रहा है।

गठबंधन की सरकार होने के वजह से भी अनेक प्रबंधन की जटिलताओं से भी चुनौतियाँ सामने आयीं। सरकार में स्थिरता बनाए रखने के लिए भी काफी कुशल राजनीतिक और कुटनीति की जरूरत होती है।

विपक्षी पार्टी ने विकास की धीमी गति को लेकर भी चिंता जताई और इनके कुछ नीतिगत उपायों की प्रभावशीलता पर भी सवाल उठाए। हालाँकि, हेमंत सोरेन अपना ध्यान समावेशी विकास के प्रति अपनी प्रतिबद्धता पर लगाए रहे और राज्य के सामने आने वाली बहुमुखी चुनौतियों के समाधान करने की दिशा में काम करना जारी रखा है।

व्यक्तिगत जीवन

हेमंत सोरेन का विवाह 07 फरवरी 2006 को कल्पना सोरेन के साथ हुआ था। हेमन्त सोरेन और कल्पना सोरेन का विवाह अरेन्ज मैरेज (माता-पिता के द्वारा तय किया गया) हुआ था। हेमन्त और कल्पना के 2 बेटे हैं। एक बेटे का नाम निखिल सोरेन और दूसरे का नाम अंश सोरेन है।

राज्य के लिए विजन

हेमंत सोरेन झारखंड राज्य की कल्पना एक ऐसे राज्य के रूप में करते हैं जो सामाजिक न्याय, निरन्तर विकास और हाशिए पर रहने वाले समुदायों के सशक्तिकरण पर आधारित हो। आदिवासी समाज और अन्य शोषित, वंचित नागरिकों के कल्याण के प्रति उनकी प्रतिबद्धता उनकी सरकार द्वारा किए गए अनेक नीतिगत निर्णयों और पहलों में भी झलकती है।

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विरासत और प्रभाव

झारखंड राज्य की राजनीति में हेमंत सोरेन की विरासत अभी भी दिन प्रतिदिन बढ़ ही रही है। झारखंड के राजनीतिक परिदृश्य में विशेषकर आदिवासी समाज के अधिकारों और समावेशी विकास के संदर्भ में सोरेन का योगदान उल्लेखनीय है। झारखंड के सामाजिक और आर्थिक ताने-बाने पर बनी उनकी नीतियों के प्रभाव का आकलन संभवतः आने वाले वर्षों में किया जाएगा, जिससे मुख्यमंत्री के रूप में उनके कार्यकाल की धारणाएं तय होंगी।

निष्कर्ष

झारखंड के मुख्यमंत्री के तौर पर हेमंत सोरेन का सफर राज्य और इसके नागरिकों के कल्याण के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। समावेशी विकास और सामाजिक न्याय पर ध्यान केंद्रित करने वाली सोरेन की नेतृत्व क्षमता ने झारखंड के राजनीतिक पर एक अमिट छाप छोड़ी है। कुल मिलाकर हेमंत सोरेन एक लोकप्रिय राजनेता और मुख्यमंत्री हैं। इनकी पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा परिवारवाद से ग्रसित है। शिबू सोरेन के बाद हेमन्त सोरेन पार्टी के अध्यक्ष और राज्य के मुख्यमंत्री बने और परिवारवाद को देखते हुए ये कहना अतिश्योक्ति नहीं होगी की आने वाले समय मे हेमंत सोरेन के बेटे पार्टी के अध्यक्ष और राज्य के मुख्यमंत्री बनेंगे।

FAQ

Ques. झारखंड के पहले मुख्यमंत्री कौन थे?

Ans. बाबूलाल मरांडी

Ques. झारखंड के वर्तमान मुख्यमंत्री कौन है?

Ans. श्री हेमन्त सोरेन

Ques. हेमंत सोरेन के कितने बच्चे हैं?

Ans. 2 बच्चे

Ques. झारखंड के राज्यपाल का पूरा नाम क्या है?

Ans. श्री सी.पी. राधाकृष्णन

Ques. झारखंड राज्य की स्थापना कब हुई थी?

Ans. 15 नवंबर 2000 को

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