भव्य और दिव्य होगा हमारे आराध्य प्रभु श्रीराम का मंदिर: 51 इंच की होगी रामलला की मूर्ति, बुजुर्गों के लिए लिफ्ट का व्यवस्था | Ram Mandir Ayodhya, Ram Mandir Ki Lagat Kitni hai, Ram Mandir Kab Bankar Taiyar Hoga, Udghatan, Pran Pratishtha, Trust
प्रभु श्रीराम का मंदिर 70 एकड़ भूमि में बनकर तैयार हो रहा है और मंदिर के चारो तरफ आयताकार परकोटा (732 मीटर) बनाया जा रहा है। अयोध्या का प्रभु श्रीराम मंदिर 3 तल का होगा। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव श्री चंपत राय ने बताया की वर्ष 2024 के अंत तक 7 मंदिर और बनाये जाएंगे।
इन 7 मंदिरों में प्रमुख रूप से महर्षि वाल्मीकि, गुरू वशिष्ठ, निषादराज, गुरू विश्वामित्र, अगस्त्य ऋषि, माता शबरी और माता अहिल्या जी का मंदिर शामिल है।
अयोध्या में प्रभु श्रीराम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को लेकर तैयारियां जोरों पर है। परिसर के उत्तरी हिस्से में मुख्य मंदिर बन रहा है। जिस जगह पर मंदिर बन रहा है उसी जगह को लेकर विवाद था। सुप्रीम कोर्ट में हिन्दुओं की जीत हुई और फैसला मंदिर के पक्ष में आया। तीन मंजिला मंदिर के ग्राउंड फ्लोर का काम अब लगभग पूरा हो गया और अब पहले तल का काम चल रहा है।
भगवान राम के 5 साल के उम्र की होगी रामलला की मूर्ति
प्रभु श्री राम के मंदिर का प्राण प्रतिष्ठा गर्भ गृह में होगी। गर्भ गृह का कार्य लगभग पूरा हो चुका है। प्रधानमंत्री माननीय श्री नरेन्द्र मोदी 30 दिसंबर को अयोध्या दौरे पर आयेंगे। ट्रस्ट का प्लान ये है कि 30 दिसंबर से पहले तैयारी पूरी हो जाये।
प्रभु श्री राम के इस मंदिर की आयु लगभग 1000 साल होगी। गर्भ गृह में रामलला की मूर्ति 5 साल के भगवान राम के बाल रूप की होगी। रामलला के मूर्ति की ऊंचाई (ललाट के ऊपर का हिस्से को छोड़कर) 51 इंच होगी। रामलला की मूर्ति खड़े मुद्रा में होगी।
रामलला के मूर्ति को अलग-अलग तीन मूर्तिकार बना रहे हैं। तीनों मूर्तियों में जो मूर्ति सबसे अच्छी होगी उसे ही चयनित कर गर्भ गृह में रखा जायेगा। ऐसी उम्मीद है रामलला की मूर्ति भी मकराना के पत्थरों से ही बनायी जा रही है।
प्राण प्रतिष्ठा की पूजन विधि की शुरूआत 16 जनवरी 2024 से शुरू होगी जो 22 जनवरी तक चलेगी। अंतिम पूजा दोपहर 12.20 पर होगी। राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, संघ प्रमुख मोेहन भागवत, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, राज्यपाल आनन्दीबेन पटेल, महंत नृत्य गोपाल दास इत्यादि मौजूद रहेंगे।
इनके अलावा घुमन्तु संत, वनवासी संत, खेल जगत, वैज्ञानिक, साहित्यकार, सैनिक, कवि, लेखक, राजनीतिज्ञ, औद्योगिक जगत इत्यादि के 7000 से ज्यादा वीवीआईपी लोग शामिल होंगे।
22 जनवरी 2024 की प्राण प्रतिष्ठा के बाद 48 दिन तक मण्डल पूजन होगा। यह पूजा तीर्थ क्षेत्र के संन्यासी और पेजावर मठ के पीठाधीश्वर जगद्गुरु माध्वाचार्य विश्व प्रसन्न तीर्थ के निर्देशन में करायी जाएगी। मण्डल पूजा को उत्तर भारत में लोग नहीं जानते लेकिन दक्षिण भारत में यह पूजा बहुत प्रचलित है।
सूर्यवंशी राजा भगवान श्री राम की मूर्ति के माथे पर सूर्य की किरण पहुंचाने के लिए इसरो (ISRO) के वैज्ञानिकों से मदद ली गई है। राम मंदिर के दूसरे तल (सेकेण्ड फ्लोर) पर राम दरबार बनाने का प्लान है।
Shri Ram Mandir Ayodhya || श्री राम मन्दिर अयोध्या
राम मंदिर के चारों तरफ बनाई जा रही है सुरक्षा दीवार
मंदिर के चारों तरफ एक दीवार बनाई जायेगी, इसे परकोटा कहते हैं। ये दीवार सुरक्षा हेतु बनाया जा रहा है। इस दीवार (परकोटा) का अवधारणा (Concept) दक्षिण भारतीय मंदिरों से लिया गया है।
इस दीवार (परकोटे) की लम्बाई 2401 फुट (732 मीटर) है और इसकी चौड़ाई 14 फुट है। यह दीवार (परकोटा) भी दो मंजिला होगा। परकोटे के ग्राउंड फ्लोर में दफ्तर होगा और फर्स्ट फ्लोर पर परिक्रमा मार्ग बनाया जायेगा।
परकोटे के चारों कोने पर होंगे कुल 6 मंदिर
परकोटे के एक कोने पर सूर्य भगवान का मंदिर, दूसरे कोने में शंकर जी का मंदिर, तीसरे पर भगवती का मंदिर और चौथे कोने पर गणेश जी का मंदिर बनेगा। इन चार मंदिरों के अलावा भगवान विष्णु जी का एक मंदिर और प्रभु हनुमान जी का एक मंदिर होगा। परकोटे के काम में लगभग 6 से 8 महीने का समय लगेगा।
राम मंदिर के पीछे एक लिफ्ट भी लगाया जा रहा है जिससे दिव्यांगजन और बुजुर्गों को मंदिर में प्रवेश करने में आसानी हो सके। साथ ही एक ढलान भी बनाया जा रहा है।
वर्ष 2024 के अंत तक 7 और मंदिर बनाये जाएंगे
2024 के अंत तक सात मंदिर और बनाये जाएंगे जिसमें महर्षि वाल्मीकि, गुरू वशिष्ठ, निषादराज, गुरू विश्वामित्र, अगस्त्य ऋषि, माता शबरी और माता अहिल्या जी का मंदिर बनाया जायेगा। जटायु के मंदिर की स्थापना अयोध्या के कुबेर टीले पर की गई है।
अयोध्या धाम आने वाले तीर्थयात्रियों के लिए विशेष व्यवस्था की जा रही है। श्रद्धालुओं के सामानों की सुरक्षा के लिए मंदिर परिसर में 25 हजार लॉकर बनाये जा रहे हैं। मंदिर परिसर के अंदर एक अस्पताल भी बनाया जा रहा है जहां प्राथमिक उपचार की व्यवस्था रहेगी। गर्मियों में नंगे पाँव चल रहे श्रद्धालुओं के पैर न जलें इसके लिए भी विशेष व्यवस्था की जा रही है।
एक बड़ा कॉम्प्लेक्स शौचालय का भी बनाया जा रहा है। शौचालय की गंदगी को समाप्त करने के लिए पास में ही दो सीवर ट्रीटमेंट प्लांट भी तैयार कराया जा रहा है। राम मंदिर परिसर के लिए पावर हाउस से डायरेक्ट बिजली की सप्लाई दी जायेगी। वाटर, इलेक्ट्रिकल सप्लाई और सीवर की व्यवस्था श्री राम जन्मभूमि मंदिर ट्रस्ट खुद करेगा।
21 फीट ऊंचा है मंदिर का स्तंभ
उत्तर भारत में राम मंदिर से पहले ऐसे किसी मंदिर का निर्माण नहीं हुआ था। राम मंदिर निर्माण के लिए सबसे पहले देश-विदेश की कई संस्थाओं द्वारा वहाँ की मिट्टी का परीक्षण कराया गया। निर्माण शुरू होने से पहले दो महीने तक लगातार बैठकें की गईं और हर पहलुओं पर विचार विमर्श किया गया।
निर्माण स्थल से लगभग दो लाख घनमीटर मिट्टी निकाली गई, खाली हुई जगह पर विशेष मसालों और कांक्रीट के मिश्रण को उसमें भरा गया। जमीन के अन्दर लगभग 46 फीट गहराई में कांक्रीट के 56 परत लगाए गए।
इन कांक्रीट को पानी से कोई नुकसान न हो इसके लिए 17000 ग्रेनाइट के ब्लॉक्स लगाए गए। मंदिर का स्तंभ 21 फीट ऊंचा है। ये सारी प्रक्रिया होने के बाद मई 2022 से प्रभु श्रीराम के भव्य और दिव्य मंदिर का निर्माण शुरू हुआ।
राम मंदिर में उपयोग होने वाले पत्थरों को भरतपुर (राजस्थान) के बंसी पर्वत से लाया गया है। 5 लाख से ज्यादा पत्थर राम मंदिर में लगाये जा रहे हैं। राम मंदिर के फ्लोर (फर्श) पर मकराना मार्बल लगाया जा गया है।
Ques. राम मंदिर में कितना काम हो चुका है?
Ans. लगभग 70 प्रतिशत Ques. राम मंदिर कब तोड़ा गया था?
Ans. 1660 में Ques. अयोध्या के अंतिम राजा कौन थे?
Ans. राजा सुमित्र Ques. राम मंदिर की लागत कितनी है?
Ans. अब तक लगभग 900 करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं। Ques. वर्तमान अयोध्या कहां है?
Ans. पवित्र सरयू नदी के तट पर (उ0प्र0 में)